अत्र = यहाँ (पाण्डवों-की सेना में); शूरा: = बड़े-बड़े शूरवीर हैं; महेष्वासा: = (जिनके) बहुत बड़े-बड़े धनुष हैं; च = तथा (जो); युधि = युद्धमें; भीमार्जुनसमाः = भीम और अर्जुनके समान हैं। (उनमें ); युयुधानः= युयुधान (सात्यकि); विराटः = राजा विराट; च = और; महारथः = महारथी; द्रुपदः = द्रुपद (भी हैं।); धृष्टकेतुः = धृष्टकेतु; च = और; चेकितानः – चेकितान; च = तथा ;वीर्यवान् = पराक्रमी; काशिराजः = काशिराज ( भी हैं ।); पुरुजित् = पुरुजित्; च = और; कुन्तिभोजः = कुन्तिभोज ( —ये दोनों भाई); च = तथा; नरपुङ्गवः = मनुष्योंमें श्रेष्ठ; शैब्यः = शैब्य ( भी हैं ।); विक्रान्तः = पराक्रमी; युधामन्युः = युधामन्यु; च = और; वीर्यवान् = पराक्रमी; उत्तमौजाः = उत्तमौजा; सौभद्रः = सुभद्रापुत्र अभिमन्यु; च = और; द्रौपदेयाः = द्रौपदीके पाँचों पुत्र (भी हैं।); सर्वे, एव = (ये) सब-के-सब; महारथाः = महारथी हैं।
दुर्योधन गुरु द्रोणाचार्य से कहता है: यहाँ (पाण्डवों-की सेना में) बड़े-बड़े शूरवीर हैं (जिनके) बहुत बड़े-बड़े धनुष हैं तथा (जो) युद्धमें भीम और अर्जुनके समान हैं। (उनमें ) युयुधान (सात्यकि), राजा विराट और महारथी द्रुपद (भी हैं।), धृष्टकेतु और चेकितान तथा पराक्रमी काशिराज ( भी हैं ।), पुरुजित् और कुन्तिभोज तथा मनुष्योंमें श्रेष्ठ शैब्य ( भी हैं ।), पराक्रमी युधामन्यु और उत्तमौजा, सुभद्रापुत्र अभिमन्यु और द्रौपदीके पाँचों पुत्र (भी हैं।) (ये) सब-के-सब महारथी हैं।