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अध्याय-एक
अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः ॥9॥

अन्ये = इनके अतिरिक्त; बहवः = बहुत-से; शूराः = शूरवीर हैं, (जिन्होंने); मदर्थे = मेरे लिये; त्यक्तजीविताः = अपने जीनेकी इच्छा का भी त्याग कर दिया है; = और; नानाशस्त्रप्रहरणाः = जो अनेक प्रकारके अस्त्र अत्यन्त चतुर शस्त्रोंको चलाने वाले हैं |

 

व्याख्या: इनके अतिरिक्त बहुत से शूरवीर हैं, जिन्होंने मेरे लिये अपने जीनेकी इच्छा का भी त्याग कर दिया है और जो अनेक प्रकार के अस्त्र अत्यन्त चतुर शस्त्रों को चलाने वाले हैं |

 

दुर्योधन की बातें सुनकर जब द्रोणाचार्य कुछ भी नहीं बोले, तब अपनी चालाकी न चल सकनेसे दुर्योधन के मनमें क्या विचार आता है – इस को संजय आगे के श्लो कमें कहते हैं ।